Pahali Dua,पहली दुवा
लगे जो तुम्हारे माँथे पर चाँदनी सा शीतल टीका। बढे ऐसे चेहरे की रौनक उजले सूरज जैसी हो दमक।। चढे कामयाबी के रंग तुम पर जो पहुँचे ज़मी से फ़लक तक। फैलता जाये नाम इस तरह से खुशबू उड़े जैसे सारे जहाँ तक।। छाँने लगो तुम ऐसे हर दिल पर उमड़ने लगे जैसे कोई राँग गीत पर। सतरंगी राँगो से निखरकर निकले जो वो हर लब्ज़ो का मधुर गीत बन जाओ तुम।। कभी न बुझे जो उम्मीद का दिया वो अखंड जलती ज्योति बनो तुम। कि खुशियों को ऐसे बिखेरो ज़माने में ...