एक रात की बात,Ek Raat ki Baat
रात किसी का ख़्वाब बनाती है
नयी सुबह का आगाज़ बनाती है
इसकी जुस्तजू मे डूबकर करे मेहनत
उसको रातों- रात स्टार बनाती है
दिनभर की कश्मकश के बाद
फ़ुरसत के लम्हो मे सुकून देती है
कुव्वत रखने वालो को उकसाती है
बुझिलो को रात उलझाती भी है
थक-थक कर चूर हुये लोगों की
ऑखों में प्यारी निंदियाॅ लाती है
ये उकसाती है, सुलझाती है
उलझाती भी है, बहकाती है
छुपी सी ताकत का आभास कराती है
फ़र्क इतने भर का है मेरे दोस्तों
तुम्हारी इल्तज़ा का उफनता नशा
बेमानी का है या ईमानदारी का
रातों में मेहनत करने वालों को
ये निखरता सा नूर बनाती है
देखता जो इसमें अंधेरा ही अंधेरा
उनके ख़्वाबो को राख बनाती है
ढूढते जो अंधेरे में उम्मीद के जुगनू
उनको तराशा हुआ हीर बनाती है।
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बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंAti sundar
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