बेवसी Bebasi

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समझे ना तू मेरी बेवसी 

तुझ से प्यार करने की।

कभी न जान पाये तू 

मजबूरी जमाने से लड़ने की।।

थी मेरी पलकों की खुदकुशी

अश्को को न थाम पाने की।

ताबीर रह गयी बस घुटन भर की

मेरी हालत थी टूटे बिखरे पत्तों सी।।

बदनामी की अपनी परवाह न थी

उम्र गुज़री कीचड़ो से मुँह पोछने में।

तेरा दामन मेरे दागो से न दरक जाये

बस डर थी तेरे अस्मत के धूल होने की।।

बताये जाये न कहानी मेरी जिल्लतो की

बाज़ारो में मेरे जिस्म की कीमत लगाने की।

मेरी परछाईयो का सामना न कर पाये तू

हक़ीकत की आॅच में झुलस न जाये तू।।

मुझे कहा ख़बर थी,अपनों से बिक जाने की

कही खुदक़ुशी न कर बैठे तू हक़ीकत जानने की।

समझ न पाये तू ,तकदीर मेरी जिस्म नोचने की

टूटकर बिखरे न तू मेरी  बदनसीबी जानने की।।

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