वक्त के साथ बदलते लोग , vakt ke saith bhadulte log
तसल्ली तो हजारों मुझे देते गये
पर साथ देने वाले बहुत कम मिले।।
महफ़िल में सब मेरे संग हो गये
शोहरत मे बढ़ते काफ़िले दिखे।
वक्त के जलज़लो में वो नदारद हुये
खून के ऑसू पोछने वाले बहुत कम दिखे।।
जिस्म पर लिपटे ग़म अपने से लगे
भरोसे के काबिल,वफ़ा का कत्ल करने लगे।
तूफानो में सब अपने साथ छोड़ते गये
पहुचे साहिलो में हम लोग रहनुमा बनने लगे।।
अहसानो को न जाने अपने भूलने लगे।
फरामोश होकर बस कीमत लगाने लगे।
जिम्मेदारियों के किस्से हजारों ने कहे।
( मुझे अल्फाज से कविता शुरू होती है, जो कि उस हर शक्स के जस्वातो को बया करती है, जो कि जिन्दगी के मुश्किलों मे अपने के साथ छोड़ने की मन मे रह गयी टीस की अभिव्यक्ति है। दोस्तों आप सब को मेरी रचना कैसे लगती हैं। टिप्पणी जरूर करें। अगर आपको पसंद आती है तो follow जरूर करें। ताकि हम अपनी रचनाओं के माध्यम से जनमानस के अनछुये जस्वातो को आपके लिये लाते रहे)
वैधानिकचेतावनी। इस कविता का किसी भी रूप में ऑडियो,वीडियो , किसी भी रूप में व्यावसायिक उपयोग हेतु लेखक की अनुमति अनिवार्य है। ये लेखक की मौलिक रचना है। इसे किसी भी रूप में इसका किसी भी प्रकार audio,video,print etc माध्यम से या इसके किसी भी भाग को तोड़ कर प्रकाशित करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। Under Copy Right Act
Bhot hi khubsurt line he bhai aap ki mai hamesa aap ki sabhi sayri and sbhi khania padhta hun or mujhe inte jar rhta he ki aap agli line kb likho ge bhai or bi likho kuch ishi trha istrha ki line padh kr dil ko bhoskun milta he buot bhot sukria aap ka jo aap ne hmary liye hmary mtlb ki line likhi mai dil se sukria aada krta hun aap ka or agli line ka intjar rhe ga
जवाब देंहटाएंOk dear we will publish untouching poem. We are thankfully for you apperarion. Thanks and regard
हटाएंNegi aap se gujarish he aap hindi me jwab den plz .
जवाब देंहटाएंNegi g aap se gujarish he hindi me zwab de bdi mherbani hogi aap ki
हटाएंPriya dost hum future mein nayi Kavita shyari prakshit kargne. Hamari rachana ki srahana Karne ke liya sukriya
हटाएंMind blowing sir ji
जवाब देंहटाएंBahut khoob negi ji
जवाब देंहटाएंTruthful statement by poetry
जवाब देंहटाएं